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पहले श्रद्धा, फिर अंजन और अब निक्की... दिल्ली में प्यार के तीन कातिल और फ्रिज कनेक्शन!

पुलिस जब श्रद्धा मर्डर केस की छानबीन कर रही थी, ठीक तभी अंजन दास मर्डर केस ने दिल्ली पुलिस को हलकान कर दिया था. उसकी लाश के टुकड़े भी फ्रिज में रखने के बाद ठिकाने लगाए गए थे और अब निक्की मर्डर केस. ये कत्ल, लाश और फ्रिज से जुड़ी तीन खौफनाक कहानी हैं, जो किसी भी इंसान को दहला सकती हैं.

पहले श्रद्धा, फिर अंजन और अब निक्की... दिल्ली में प्यार के तीन कातिल और फ्रिज कनेक्शन!

श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड, अंजन दास मर्डर और निक्की के कत्ल की कहानी में एक बात कॉमन है 

देश की राजधानी दिल्ली में श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस को लोग भूले भी नहीं कि बिल्कुल वैसा ही कत्ल का एक सनसनीखेज मामला सामने आ गया. जिसमें लिव इन पार्टनर साहिल गहलोत ने ही अपनी गर्लफ्रेंड निक्की यादव को मौत की नींद सुला दिया और उसकी लाश को फ्रिज में रखकर शादी करने चला गया. 

श्रद्धा मर्डर केस में भी आरोपी ने लाश के टुकड़ों को काटकर फ्रिज में रखने के बाद फेंका था. पुलिस जब श्रद्धा मर्डर केस की छानबीन कर रही थी, ठीक तभी अंजन दास मर्डर केस ने दिल्ली पुलिस को हलकान कर दिया था. उसकी लाश के टुकड़े भी फ्रिज में रखने के बाद ठिकाने लगाए गए थे. ये कत्ल, लाश और फ्रिज से जुड़ी तीन खौफनाक कहानी हैं, जो किसी भी इंसान को दहला सकती हैं. 

14 फरवरी 2023, निक्की यादव मर्डर केस

दिल्ली पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि बाबा हरिदास नगर इलाके में निक्की यादव नाम की लड़की का कत्ल किया गया और उसकी लाश को एक ढाबे के फ्रिज में छिपाकर रखा गया. दरअसल, निक्की का कातिल कोई और नहीं बल्कि उसका आशिक साहिल गहलोत निकला. जिसने मोबाइल चार्जिंग केबल से उसकी लाश को एक ढाबे के फ्रिज में छिपाकर रखा गया. दरअसल, निक्की का कातिल कोई और नहीं बल्कि उसका आशिक साहिल गहलोत निकला. जिसने मोबाइल चार्जिंग केबल से पहले निक्की का गला घोंटा और फिर उसकी लाश को ठिकाने लगाया. यही नहीं वारदात को अंजाम देने के महज कुछ घंटे बाद ही साहिल ने दूसरी लड़की के साथ शादी भी कर ली.

10 फरवरी 2023

पुलिस के मुताबिक, साहिल गहलोत ने 10 फरवरी 2023 को अपनी प्रेमिका निक्की यादव का मर्डर किया था. असल में निक्की को पता चल गया था कि साहिल दूसरी लड़की से शादी करने वाला है. जब उसने साहिल से सवाल जवाब किए, मामला बढ़ गया और दोनों के बीच में कहासुनी शुरू हो गई. उस कहासुनी की वजह से साहिल ने गुस्से में आकर पहले मोबाइल केबल से निक्की का गला दबाया और फिर उसकी हत्या कर दी.

पहले श्रद्धा, फिर अंजन और अब निक्की... दिल्ली में प्यार के तीन कातिल और फ्रिज कनेक्शन!


कार में ही किया था मर्डर

इस पूरी वारदात को साहिल ने अपनी गाड़ी में ही अंजाम दिया था. उसके बाद कई घंटों तक वो निक्की की लाश को गाड़ी में लेकर घूमता रहा और फिर वो बाबा हरिदास थाने के पास एक ढाबे में पहुंचा. वो ढाबा बंद था. उसने लाश को ढाबे में रखे एक बड़े से फ्रिज में छुपा दिया और वहां से निकल गया. कछ घंटे बाद ही साहिल ने अपनी शादी की तैयारी शुरू कर दी. उसके परिवार वालों ने एक लड़की को पहले से ही पसंद कर रखा था. फिर उसी दिन रात को उसने शादी भी कर ली थी.

आरोपी साहिल गहलोत ही है ढाबे का मालिक एडीसीपी विक्रम सिंह ने बताया है कि उन्हें मंगलवार की सुबह सूचना मिली थी कि एक लड़की की हत्या कर उसके शव को ढाबे में छिपा दिया गया है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया था. जांच के बाद आरोपी साहिल गहलोत को पकड़ा गया है. आगे की कानूनी कार्रवाई अभी की जा रही है. पुलिस ने अपने बयान में इस बात का भी खुलासा किया है कि आरोपी ने निक्की की मोबाइल केबल से गला घोटकर हत्या की थी. वहीं जिस ढाबे में निक्की के शव को रखा गया, वो भी साहिल गहलोत का ही था. यानी कि आरोपी ने पहले से सोच रखा था कि वो हत्या कर शव को कहां ठिकाने लगाएगा.

साहिल ने जब कत्ल की इस संगीन वारदात को अंजाम दिया, तो उसे उम्मीद नहीं थी कि पुलिस को इस बात की भनक लग जाएगी. उसने अपना फोन तक स्विच ऑफ कर दिया था. लेकिन पुलिस के अपने सोर्स काफी मजबूत थे. उन्हें एक खुफिया इनपुट मिल गया था कि दिल्ली में किसी साहिल गहलोत ने अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या कर दी है. इस इनपुट के आधार पर ही एक टीम का गठन किया गया और वो उस गांव में पहुंची जहां पर साहिल का घर था. फोन स्विच ऑफ रहा, ऐसे में आरोपी को ट्रेस करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जब पुलिस उसके घर पर पहुंची, वो वहां नहीं मिला और तलाश के दायरे को और ज्यादा बढ़ाना पड़ा. बाद में पुलिस ने साहिल को दिल्ली के मित्राऊं गांव से गिरफ्तार कर लिया.




28 नवंबर 2022, अंजन दास मर्डर केस

दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड जैसी एक और वारदात ने हड़कंप मचा दिया था. मामला पांडव नगर का था, जहां पुलिस को रामलीला मैदान से लगातार इंसानी शरीर के टुकड़े मिल रहे थे लेकिन वो टुकड़े आ कहां से रहे हैं ये पता नहीं चल पा रहा था. मामला जब क्राइम ब्रांच ने अपने हाथों में लिया और जांच शुरू की. करीब 5 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस इस मामले का खुलासा कर पाई. इसके लिए पुलिस ने रामलीला मैदान के आसपास के घरों में जाकर न सिर्फ फ्रिज की तलाशी ली, बल्कि लोगों से पूछा कि उनके आसपास कहीं से कुछ सड़ने की बदबू तो नहीं आ रही है.

क्या था मामला ?

दरअसल, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 28 नवंबर को इस मामले का खुलासा किया था. पुलिस ने बताया कि पांडव नगर के रामलीला मैदान में शव के जो टुकड़े मिल रहे थे, वह अंजन दास के थे. वह बिहार का रहने वाला था. उसकी पत्नी पूनम और बेटे दीपक ने इस हत्या को अंजाम दिया. पुलिस के मुताबिक, अंजन की दीपक की पत्नी और बहन पर बुरी नजर थी. ऐसे में दीपक और पूनम ने अंजन की हत्या की साजिश रची. पहले अंजन को नशीली दवा दी गई. इसके बाद उसका गला काटकर हत्या कर दी. फिर शव को 10 टुकड़ों में काटा और रेफ्रिजरेटर में रख दिया. श्रद्धा केस की तरह ही पूनम और दीपक रोज रात में अंजन के शव के टुकड़ों को फेंकने जाते थे.


पुलिस पूछ रही थी- 'आपके घर में फ्रिज है' 

समाचार एजेंसी के मुताबिक, रामलीला मैदान से जो शव के टुकड़े मिले थे, उनसे मृतक की पहचान नहीं हो पा रही थी. ऐसे में पुलिस को इस मामले को सुलझाने में काफी परेशानी हुई. स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस को जून में पांडव नगर स्थित रामलीला मैदान में शव के टुकड़े मिले थे. इसके बाद पुलिस को सबसे पहले शक रामलीला मैदान के सामने स्थित Block-20 के रहने वाले लोगों पर हुआ. पुलिस ने यहां घर घर जाकर लोगों के फ्रिज की तलाशी तक ली.

Block-20 में रहने वाले सिकंदर सिंह बताते हैं कि पुलिस घर घर जाकर लोगों से पूछती थी कि क्या आपके घर में फ्रिज है. उन्होंने बताया कि पुलिस उनके घर पर भी आई थी और उनसे पूछा था कि क्या उनके पास कोई अतिरिक्त फ्रिज है. इतना ही नहीं, पुलिस ने सिकंदर से पूछा कि उन्हें इलाके के किसी भी घर से कोई सड़ने की बदबू तो नहीं आ रही. इस पर सिकंदर ने जवाब दिया कि नहीं. सिंह ने बताया कि Block-20 में करीब 500 मकान हैं और इस इलाके में ऐसे कई Block हैं. सिकंदर ने कहा कि आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि पुलिस को इस मामले का खुलासा करने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ी होगी.


18 मई 2022, श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस


साल 2018-19 की बात है, जब बंबल एप के जरिए आफताब की मुलाकात श्रद्धा से हुई. तब श्रद्धा एक कॉल सेंटर में काम किया करती थी. धीरे-धीरे दोनों में पहले दोस्ती और फिर प्यार हुआ. मगर दोनों के ही घरवाले इस रिश्ते के लिए राजी नहीं थे. इसी के बाद उन्होंने नया गांव में किराए का एक घर लिया और दोनों साथ रहने लगे. मगर कुछ वक्त बाद ही दोनों में झगड़ा शुरू हो गया. आफताब दूसरी लड़कियों से भी बातें किया करता था और इसी को लेकर श्रद्धा उससे अक्सर झगड़ा करती थी. कई बार झगड़े के दौरान आफताब श्रद्धा के साथ मारपीट भी करता था.

28-29 मार्च 2022 को छोड़ा था मुंबई

एक बार तो श्रद्धा ने आफताब के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत भी लिखाई थी. बाद में दोनों ने अपने रिश्ते में सुधार लाने के लिए बैग पैकिंग ट्रिप का प्लान बनाया. इसके बाद दोनों 28-29 मार्च 2022 को मुंबई से निकल पड़े. सबसे पहले दोनों हरिद्वार पहुंचे. फिर वहां से ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, मनाली और चंडीगढ़ घूमते हुए परावती वैली पहुंचे. परावती वैली में ही उनकी मुलाकात बद्री नाम के एक शख्स से हुई. जो दिल्ली में महरौली के छतरपुर पहाड़ी इलाके में रहा करता था.

16 मई 2022 - दिल्ली में लिया किराए का घर 

 सवा महीने तक उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल घूमने के बाद आफताब और श्रद्धा 5 मई 2022 को बद्री के घर छतरपुर पहाड़ी जा पहुंचे. वहां दोनों करीब आठ दस दिन तक रुके. वहां भी दोनों में अक्सर झगड़ा हुआ करता था. दोनों के बीच इस झगड़े को देखते हुए ही बद्री ने उन्हें अपने घर से जाने को कहा. इसी के बाद 16 मई 2022 को दोनों ने एक प्रॉपर्टी डीलर के जरिए छतरपुर पहाड़ी में ही पहली मंजिल पर एक घर किराये पर ले लिया.

17 मई 2022 गुरुग्राम गई थी श्रद्धा

मुंबई से आने के बाद दो महीने से दोनों लगातार बेरोजगार थे. ज्यादातर पैसे खर्च हो चुके थे. क्रेडिट कार्ड से ही जरूरी खर्चा चल रहा था. इसे लेकर भी दोनों में झगड़ा होता था. 17 मई 2022 को श्रद्धा अपने एक दोस्त से मिलने गुरुग्राम गई थी. लेकिन वो उस रात वापस नहीं लौटी गुरुग्राम से वो अगले दिन यानी 18 मई की दोपहर करीब 2 बजे घर वापस लौटती है. इस बात को लेकर जाफताब और श्रद्धा में फिर से झगड़ा शुरू होता है, मगर कुछ देर बाद ही दोनों शांत हो जाते हैं. फिर जोमेटो से दोपहर के खाने का ऑर्डर देते हैं.


18 मई 2022 ऐसे हुआ था कत्ल

उस दिन शाम करीब छह से साढ़े छह बजे के दरम्यान श्रद्धा ने आफताब से वसई जाने को कहा, ताकि वो वहां किराये के घर से अपना सामान दिल्ली ले आए. आफताब का वसई जाने के लिए टिकट भी बुक था. लेकिन आफताब ने तबीयत ठीक ना होने का बहाना कर वसई जाने से मना कर दिया. इस पर श्रद्धा और आफताब में फिर से झगड़ा हुआ, श्रद्धा ने गुस्से में आफताब को गालियां देनी शुरू कर दी. इस पर आफताब ने श्रद्धा को पकड़ कर फर्श पर पटक दिया. फिर उसकी छाती पर बैठ कर दोनों हाथों से तब तक उसका गला दबा कर रखा, जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई.


सबसे पहले काटी थी श्रद्धा की कलाइयां

बाद में उसने श्रद्धा की लाश घर के बाथरूम में छुपा दी. कत्ल के बाद आफताब ने तय किया था कि वो श्रद्धा की लाश के छोटे-छोटे टुकड़े कर उसे एक बड़े से ब्रीफकेस में रख कर कहीं फेंक आएगा. इसी के बाद उसने एक आरी और उस आरी के तीन ब्लेड खरीदे. फिर सबसे पहले उसी रात श्रद्धा की दोनों हाथों की कलाइयां काटी. कलाइयों को एक पॉलीथीन में बाथरूम में ही रख दिया.


19 मई 2022 चाकू से काटा था आफताब का हाथ

अगले दिन यानी 19 मई को आफताब अमीन पूनावाला ने छतरपुर से ही कूड़े की थैली, एक चाकू और एक चॉपर खरीदा, चाकू को उसने बैग में रखा और बैग को पीठ पर टांग कर जब घर लौटने लगा, तो बैंग से चाकू की नोक दायें हाथ में बने टैटू पर जा लगी. जिसकी वजह से उसका हाथ जख्मी हो गया और खून बहने लगा. इसके बाद में वो डॉक्टर के पास गया और वहां उसके हाथ में पांच टांके लगे.


फ्रिज मंगवाया और काट दिए थे दोनों पांव

फिर वो छतरपुर की एक दुकान पर पहुंचा और वहां से एक फ्रिज खरीदा. सिटी बैंक के क्रेडिट कार्ड से इसके लिए उसने 25 हजार रुपये दिए. दुकानदार ने 19 मई की शाम को ही फ्रिज उसके घर पर भिजवा दिया था. फ्रिज आने के बाद आफताब ने शाम को ही श्रद्धा के दोनों पैरों के टखनों से काट कर अलग कर दिया था. फिर उन्हें कूड़े की थैली में रख दिया. लाश के टुकड़े करने की वजह से बाथरूम में खून फैल गया था.

खून साफ करने के लिए मंगाया था सामान

इसी के बाद उसने बिलिकिट शॉपिंग एप से हार्पिक टॉयलेट क्लीनर की दो बोतल, ब्लीच की 500 एम.एल. की दो बोतल, एक चॉपिंग बोर्ड, ग्लास क्लीनर की दो बोतल, एक गोदरेज का हैंड वॉश मंगवाया. इसके लिए भी उसने सिटी बैंक क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल किया था. 19 मई की रात को ही करीब साढ़े दस बजे जब सारा सामान आ गया, तब उसने बाथरूम के फर्श को पूरी तरह साफ किया था.

20 मई 2022 महरौली से खरीदा था बड़ा बैग

श्रद्धा के कत्ल के तीसरे दिन यानी 20 मई को आफताब महरौली मार्केट से ही लाल रंग का एक बड़ा सा बैग खरीद कर लाया. 2 हजार रुपये के इस बैग के लिए उसने पैसे गूगल पे से अदा किए थे, आफताब ने सोचा था कि इसी बैग में लाश के नारे टुकड़े डाल कर दो बैग कहीं फेंक आएगा, मगर बड़ा बैग और भारी वजन होने की वजह से पकड़े जाने का डर ज्यादा था. इसीलिए उसने इरादा बदल दिया. अब उसने तय किया कि वो लाश के छोटे छोटे टुकड़ों को कूड़े की थैलियों डालकर उन्हें अलग-अलग किश्तों में ठिकाने लगाएगा. टुकड़े कर ठिकाने लगाता रहा श्रद्धा की लाश इसके बाद कल के तीसरे दिन उसने श्रद्धा के सिर और लाश के बाकी टुकड़े किए, पेट की अंतड़ियां निकाल कर उसे अलग से पॉलीथीन में रखा और घर के करीब ही कोने पर खड़े एक बड़े से डस्टबिन में उसे फेंक दिया. श्रद्धा की उंगलियों को उसने ब्लो टॉर्च से जला कर घर के करीब ही सड़क किनारे फेंक दिया था. जांघ और कमर के निचले हिस्से के अंगों को घर के करीब ही श्मशान घाट के पास नाले वाले जंगल में फेंक आया. एक हाथ का अंगूठा चान मील की दीवार के पास, हाथ और लाश के कुछ और टुकड़े उत्तर-पूर्व एनक्लेव के पीछे जंगल में जबकि दूसरी जाप गुडगांव की तरफ जानेवाले एमजी रोड पर सौ फुटा रेड लाइट के पास फेंक दिया था.

ग्राइंडर से बनाया था हड्डियों का पाउडर

लाश के अलग-अलग टुकड़ों को वो जंगल में फेंक तो आया था, मगर उसे पता था कि हड्डियों से वो पकड़ा जाएगा. इसीलिए बाद में उसने पहले हड्डियों को जलाया फिर पानी डाल कर आग बुझाई. इसके बाद मार्बल घिसने वाले ग्राइंडर से हड्डियों का पाउडर बना दिया. बाद में हड्डियों के पाउडर को सौ फुटा रोड पर अलग-अलग जगह फेंक आया,

सितंबर 2022 ब्लो टॉर्च से जलाया था चेहरा

श्रद्धा के कत्ल को अब तक तीन से चार महीने हो चुके थे. लेकिन श्रद्धा का सिर, धड़ और बाहें अब भी उसने अपने फ्रिज के फ्रीजर में ही रखी हुई थीं. दरअसल आफताब को डर था कि सिर धड़ और बाहों से पोल खुल सकती है. इसीलिए वो इसे बाहर ले जाकर फेंक नहीं रहा था. आखिर करीब चार महीने बाद यानी सितंबर 2022 में उसने श्रद्धा के सिर और चेहरे को ब्लो टॉर्च से जला कर बिगाड़ने की कोशिश की थी. उसके बाल काट डाले थे. इसके बाद दोनों बाहें और धड़ वो छतरपुर एनक्लेव के जंगल में फेंक आया था. जबकि उसने बाल और श्रद्धा के कपड़ों को साठ फुटा रोड छतरपुर पहाड़ी के कोने पर रखे इस्टबिन में डाल दिया था. यानी श्रद्धा के कत्ल के बाद पूरे चार महीने तक आफताब उसकी लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाता रहा.

मुंबई में फेंका था श्रद्धा का मोबाइल

इस दौरान श्रद्धा का फोन लगातार आफताब के पास था. श्रद्धा के फोन पर आनेवाले हर मैसेज का जवाब वो खुद श्रद्धा बन कर दे रहा था. श्रद्धा ने अपने होठों पर स्टड लगा रखी थी. कत्ल के बाद आफताब ने उसे स्टड को निकाल कर एक डिब्बे में रख लिया था. बाद में इसी डिब्बे में उसने श्रद्धा का मोबाइल भी रखा था. फिर ये डब्बा लेकर वो दिल्ली से मुंबई गया. मुंबई में चलती ट्रेन से उसने मीरा भायंदर की खाड़ी में उस डिब्बे को फेंक दिया था.

हरचार्जशीट की पूरी कहानी ये बताती है कि 18 मई को श्रद्धा का कत्ल करने के बाद अगले चार महीने तक श्रद्धा का सिर और चेहरा उसी फ्रीजर में रखा हुआ था, जिस फ्रिज का इस्तेमाल आफताब रोजाना कर रहा था. जाहिर है फ्रिज खोलते हुए अक्सर उसे श्रद्धा के चेहरा नज़र आता होगा, बेशक वो चेहरा बर्फ से ढंका ही क्यों ना हो. इस तरह वो हर दिन उसे देखा करता था.

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